बिना बच्चेदानी निकाले, भारी रक्तस्राव का बीआईएमआर हॉस्पिटल्स में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी तकनीक से सफल इलाज:
बीआईएमआर ग्वालियर में यूटराइन एम्बोलाइजेशन (UAE) द्वारा बचाई 26 वर्षीय महिला की जान व बच्चेदानी बीआईएमआर ग्वालियर में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग ने एक बार फिर जीवनरक्षक भूमिका निभाई है।एक 26 वर्षीय महिला, जिसकी एक संतान है और जिसने चार माह पूर्व गर्भपात के बाद डीएंडसी (Dilatation & Curettage) करवाया था, अत्यधिक और अनियंत्रित मासिक रक्तस्राव से पीड़ित थी।
लगातार रक्तस्राव केकारण महिला का हीमोग्लोबिन (Hb) गिरकर 5 gm/dl तक पहुंच गया था, जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो गई थी। सोनोग्राफी (USG) और एमआरआई (MRI) जांच में यूटराइन आर्टियो वीनस मॉलफॉर्मेशन (Uterine AVM) की पुष्टि हुई — जो एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा स्थिति होती है।
मरीज को बीआईएमआर ग्वालियर लाया गया, जहां इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. राधेश्याम मीणा द्वारा यूटराइन आर्टरी एम्बोलाइजेशन (UAE) की आधुनिक तकनीक से उसका सफल इलाज किया गया। इस प्रक्रिया में बिना ऑपरेशन के, केवल एक सुई के माध्यम से गर्भाशय की धमनियों को विशेष कणों द्वारा बंद किया गया, जिससे रक्तस्रावतुरंत बंद हो गया।
UAE के बाद महिला का रक्तस्राव पूरी तरह बंद हो गया और उसे अगले दिन ही स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
1. हिस्टेरेक्टॉमी (बच्चेदानी निकालना): एक स्थायी और चरम विकल्प, जो मातृत्व की संभावना को समाप्त कर देता है।
2. यूटराइनआर्टरीएम्बोलाइजेशन (UAE):बच्चेदानी को सुरक्षित रखते हुए बिना चीरे के इलाज, जिससे भविष्य में गर्भधारण की संभावना बनी रहती है।
UAE के लाभ:
बिना ऑपरेशन, केवल एक सुई द्वारा इलाज
तेज़ और सुरक्षित रिकवरी
गर्भाशय बचाने का अवसर
भविष्य में गर्भधारण की संभावना बनी रहती है
UAE का उपयोग अन्य स्थितियों में भी होता है:
फाइब्रॉइड (रसौली) से अत्यधिक रक्तस्राव
यूटराइन AVM
एक्टोपिक स्कार प्रेग्नेंसी (पूर्व सिजेरियन कट में बनी गर्भावस्था)
प्लेसेंटा एक्रेटा / इनक्रेटा में डिलीवरी के बाद रक्तस्राव नियंत्रित करने में
पोस्टपार्टम हेमोरेज (डिलीवरी के बाद भारी ब्लीडिंग)